मंजिल से आगे बढ़ कर मंजिल तलाश कर मिल जाये तुझको दरया तो समन्दर तलाश कर.


हर शीशा टूट जाता है पथ्थर की चोट से पथ्थर ही टूट जाये वो शीशा तलाश कर


- Mr.shaikh_razvi



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