जाम पीते पीते यूहीं शाम हो गई उनके इंतज़ार में आज तो कमाल हो गई जब आई वो साड़ी पहन कर मेरे दहलीज पर क्या बताऊं यारो मां कसम हर बार की तरह इस बार भी बवाल हो गई।


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