वक़्त की सुई ने वक़्त सही दिखया है. नियति का नियम कौन बदल पाया है. फ्रिज कभी घड़ा थोड़ी बन पाया है. कृष्ण सारथी करण धनुर महा रथी. रंग बदलता ये वक़्त पराया है. ये छल भी कोई कोई कर पाया है.


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