भला-बुरा तो परवरदिगार करता है, अरे अर्श तू क्या गिले उससे बार बार करता है, सही वक़्त है सियासत मे कदम रख के देख, कम से कम शायर तो तेरी बात का ऐतबार करता है..
भला-बुरा तो परवरदिगार करता है, अरे अर्श तू क्या गिले उससे बार बार करता है, सही वक़्त है सियासत मे कदम रख के देख, कम से कम शायर तो तेरी बात का ऐतबार करता है..
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