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मस्जिदों के मनारों ने देखा उन्हें मंदिरों के किवाड़ों ने देखा उन्हें मय-कदों की दराड़ों ने देखा उन्हें इक चमेली के मंडवे-तले मय-कदे से ज़रा दूर उस मोड़ पर दो बदन प्यार की आग में जल गए


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