आरती हो गई, मगर अज़ान अभी बाकी है! बंट गया प्रसाद, मगर इनायत अभी बाकी है! मोल ली दुश्मनी, मगर रफ़ीक बनना अभी बाकी है! क्या इंसानों के, अंदर का इंसान अभी बाकी है..?
आरती हो गई, मगर अज़ान अभी बाकी है! बंट गया प्रसाद, मगर इनायत अभी बाकी है! मोल ली दुश्मनी, मगर रफ़ीक बनना अभी बाकी है! क्या इंसानों के, अंदर का इंसान अभी बाकी है..?
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