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हादसा बखूबी बड़ा होने वाला था मेरे हिस्से में हमसफ़र आने वाला था कितना तड़प रहा है ये बाजू कबसे कसक होने का असर होने वाला था बिंदिया मेरे नाम के सजा किसी के सर मेरे ही नाम का दो शरीर होने वाला था एक रोटी के कयी हिस्सेदार होते रहे मेरे घर मेरी आँखों में पिता सा हक होने वाला था वो आज भी हक़ का गला घोंट सहती रही मेरे जिस्म से वो जान जुदा होने वाला था चश्में ने ली जगह तो चराग मद्धिम दिखा मुझे अब उम्र से दूर... का सफर होने वाला था हादसा बखूबी बड़ा होने वाला था मेरे हिस्से में हमसफर आने वाला था


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