पोहे संग जीरावन हो,नींबू संग रहे प्याज मिलजुल कर सब खाइये,पूरे होंगे काज।। सेंव में पोहा मिले या पोहे में सेंव| भर भर दोना खाइये,जागे सबके देव|| आलू छोटे काटिये,पोहा रखो भिगाये प्याज, मिर्ची,सौंफ़ से पाछे छोंक लगाए।। पोहे की दुनिया भली,भला है उसका देस हल्का फुल्का खाइये,नहीं बनेगी गैस।। पोहा अपना राजसी,ठाठ बाट से खाये साथ जलेबी राखिये परमानंद आ जाये।। जात ना पूछो साधु की पोहा जिसके पास, नींबू निचोड़े वो जिन्हें हरि मिलन की आस संतोषी का एक गुण घर में पोहा खाये, ना जाने किस भेस में नारायण आ जाये।।


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