अपने प्रेम को गतिशील बनाये रखने के लिये ही कविता होती है एक्सीलेटर , क्लच और गियर तो सब ठीक है , पर.... प्रेम में ब्रेक का होना अखरता है !
अपने प्रेम को गतिशील बनाये रखने के लिये ही कविता होती है एक्सीलेटर , क्लच और गियर तो सब ठीक है , पर.... प्रेम में ब्रेक का होना अखरता है !
0 comments:
Post a Comment