प्रेम तो यहाँ हर किसी ने किया... फिर भी देखो कितना फर्क रहा.... दिल रोया इश्क़ में और टूटकर बिखर गया... . . . कलम ने हिम्मत की... उठी... चली अथक वो मीलों तक... और पूरा का पूरा एक प्रेमग्रंथ रच दिया.....


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