मोहब्बत तो मोहब्बत है, ये ख़ुशबू की तरह का कोई साथ होता है..! कोई एहसास होता..!! किसी के हाथ में जैसे किसी का हाथ होता है..! मोहब्बत तो फ़क़त साँसों में बसती है, कहीं दिल के निहाँ-ख़ानों में पलती है, मोहब्बत का जो रस्ता है बहुत दुश्वार होता है..! बहुत पुर-ख़ार होता..!! मोहब्बत प्यास है शायद, कभी भी जो नहीं बुझती..!!


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