एक रस्सी है गले में और मैं हूँ सोच में, ज़िन्दगी से भागकर मैं ख़ुदकुशी कैसे करूँ? लोग कहते हैं कि तुमसे शेर अब होते नहीं, दर्द से फ़ुर्सत नहीं है शायरी कैसे करूँ?


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